बचत खाता से जुड़ी 3 ताज़ा जानकारियां, जो आपको बैंक कभी नही बतायेगी
1- स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने जुलाई के अंतिम दिन, यानी 31 जुलाई से बचत खातों पर ब्याज की प्रणाली को दो-स्तरीय बना दिया है. एक करोड़ रुपये से कम की जमा पर ब्याज दर को 4 फीसदी से घटाकर 3.5 प्रतिशत कर दिया गया है, जबकि एक करोड़ रुपये से ज़्यादा की जमा पर 4 फीसदी ब्याज मिलता रहेगा. देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई ने एक बयान में कहा है, "मुद्रास्फीति की दर में कमी तथा वास्तविक ऊंची ब्याज दरों की वजह से बचत खातों पर दिए जाने ब्याज की दर में बदलाव करना ज़रूरी हो गया था."
2- एसबीआई के सेविंग खाते में मंथली ऐवरेज बैलेंस (औसतन मासिक शेष) नहीं रखने पर 100 रुपये तक की पेनल्टी आपको चुकानी होगी. इस पेनल्टी में 1 जुलाई से देशभर में लागू हुए जीएसटी के तहत लगे टैक्स को शामिल नहीं किया गया है. दरअसल, केंद्रीय बैंक आरबीआई के निर्देशों के मुताबिक बैंक सामान्य बचत खातों में एक तयशुदा न्यूनतम रकम (मिनिमम बैलेंस) न रखने पर शुल्क लगा सकते हैं. एसबीआई की वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के मुताबकि, इस मंथली ऐवरेज बैलेंस (औसतन मासिक शेष) के तहत रकम और शुल्क को बैंक ने चार भागों में बांटा है- मेट्रो, अर्बन (शहरी), सेमी-अरबन, रुरल (ग्रामीण).
बता दें कि देश के केंद्रीय बैंक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने अपनी मौद्रिक नीति की समीक्षा में ब्याज दरों में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती की जिससे रेपो रेट घटकर 6 प्रतिशत रह गया है जोकि सात साल के सबसे निचले स्तर पर है. ऐसे में यदि बैंकों ने भी इसी अनुपात में अपने ग्राहकों को इस कटौती का लाभ देते हुए ब्याज दरों में कटौती की तो यकीन मानिए यह एक बेहद नफे का सौदा साबित होगा.
Source NDTV
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